वन में भ्रमण को निकले दुष्यन्त को नव राजुस्वला नारी के शरीर की गन्ध आती है और वह उसका पीछा करते करते एक आश्रम में पहूँचता है। जहाँ उसे शकुन्तला मिलती है और आश्रम के सरक्षक की अनुपस्थिति में दोनों में प्रणय सम्बन्ध बन जाते हैं।
दुष्यन्त के चले जाने पर शकुन्तला अनमनी सी बैठी होती है और अपने संरक्षक ऋषि के आने पर भी वह उनके आने की आहट सुनकर सचेत नहीं होती है और स्वागत के लिए खड़ी नहीं होती तब उस ऋषि को शंका होती है और वह उसे श्राप दे देता है कि तूं जिसकी स्मृति में इतनी एकाग्रचित्त है वह तुझे भूल जायेगा।
ऐसा ही होता है और आश्रम में ही उस एक प्रणय का देवता भरत पैदा होता है। भरत आश्रम में रह कर ही बड़ा होने लगता है। एक दिन वह वन में ही एक सिंह के शावकों के दांत गिन रहा होता है तब वहाँ से गुजर रहे पथिक दुष्यंत के पास यह समाचार पहुंचाते है।
यह वह समय था जब एक तरफ तो राम द्वारा स्थापित भारतराष्ट्र था तो दूसरी तरफ भारत का धर्म क्षेत्र भारतवर्ष था लेकिन ब्राह्मण और वैदिक दोनों परम्पराओं का समन्वय हो चुका था।लेकिन वह समन्वय ज्ञान-विज्ञान में था यानी वन-क्षेत्र में गुरुकुलों और आश्रमों में वशिष्ठ और विश्वामित्र परम्पराएं एक दुसरे की पूरक बन गयी थी|
लेकिन आर्थिक-प्रशासनिक विषय में एक तरफ वर्षा वनों वाले साम्राज्य के लिए, इंद्र पद के लिए घमासान होता था तो दूसरी तरफ नगरों में रहने वाले नागरिक शक्तिहीन और बलहीन हो गए थे। ऐसी स्थिति में वन में परवरिश प्राप्त वीर बालक भरत कौतुहल का विषय बन गया था। लेकिन श्रापित स्थिति में दुष्यंत पहचान नहीं पाया, जब शकुन्तला ने प्रमाण के लिए प्राप्त मुद्रिका दिखाई तब वह पहचान पाया।
भरत के राज्याभिषेक के बाद भरत ने नागरिकों में आई नपुंसकता को महसूस किया और यह नियम बनाए कि राजा का चुनाव क्रीडा प्रतिस्पर्धा,शक्ति प्रदर्शन और जनमत से होगा। The choice of the king to sports competition, will power performance and public opinion. इसी के साथ भारत को गणराज्यों में बाँट दिया पंचायती राज व्यवस्था शुरू की गयी। India is divided into the republics of the Panchayati Raj system was introduced.जब पांडव और कौरव जो कि एक ही परिवार के थे उन्होंने शक्ति प्रदर्शन और क्रीडा प्रतिस्पर्धाएं शुरू की तो पांडवों के,विशेषकर अर्जुन के दिमाग में युद्ध का चित्र नहीं था।When the Pandavas and the Kauravas were of the same family that started the power, performance and sports events of the Pandavas, especially Arjuna's mind was not a picture of the war.लेकिन चूँकि दुर्योधन ने राष्ट्र वादियों से सामरिक समझोते कर रखे थे और भीष्म सहित सभी राष्ट्र के वेतन भोगी थे।अतः सभी की धृति राष्ट्र में बंधी थी।But the strategic agreement with litigants Duryodhana had put the nation and all nations, including Bhishma were salaried. So all tenure was bound in the nation.
लेकिन पांच पांडव पंचायती राज व्यवस्था के समर्थक थे और उन्होंने कहा कि हमें पांच गाँव ही दे दिये जाएँ।But the five Pandavas, who was a supporter of the PRI system that gave us the five-country visit.इसी बात पर महाभारत नामक गृह युद्ध हुआ। Called the Mahabharata thing similar Civil War.
यह वह समय था जब देत्य,दानव,राक्षस बोलकर कोई नस्ल भेद नहीं रह गया था अतः यहाँ पर जब कृष्णावतार हुए तब एक नए नाम का सृजन हुआ,सुर-असुर।This was the period when Dety, Monster, Monster saying apartheid was no longer there, so here's the new name was created when Krishnawatar, sur - Asur।
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